बावरे गांव में ऊंट आय गओ.. सोशल डिस्टेंसिंग भूल गिद्ध देखने उमड़े लोग


कुशीनगर। बहुत सालों से गिद्ध नहीं दिखाई देते। किसी-किसी इलाके कभी-कभार एकाध गिद्ध दिख जाता है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में शुक्रवार को बरवापट्टी थाना क्षेत्र के बकुलहवा गांव में गन्ने के खेत में एक विलुप्त प्राय गिद्ध घायलावस्था में पाया गया। उसके दोनों पंखों में सी 3 टैग और जीपीएस चिप लगा था। गिद्ध मिलने की सूचना पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और तरह-तरह की अफवाह उड़ने लगी। सूचना पर वन विभाग और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे उन्होंने गिद्ध को अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग के मुताबिक, गिद्ध को चोट लगी है या फिर वह बीमार है। उसकी जांच की जा रही है।
 गिद्ध बावत तमकुही रेंज के वनाधिकारी नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि यह विलुप्त प्राय गिद्ध पक्षी है। किसी शोध संस्था ने उसके पंखों पर अपना कोडिंग और लोकेशन ट्रेस करने के लिए चिप लगाया होगा। विलुप्त हो रहे पशु पक्षियों के अध्ययन के लिए टैगिंग किया जाता है। यद्यपित अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। मगर गिद्ध के पंखों में लगे चिप के माध्यम से सारी जानकारी मिल जाएगी। गिद्ध के लिए मांसाहारी भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। पिछले साल वन विभाग ने महराजगंज में गिद्धों की गिनती और टैगिंग कराई थी।
 महराजगंज के फरेंदा में प्रदेश का पहला जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र भी स्घ्थापित किया जा रहा है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यह गिद्ध महराजगंज का हो सकता है। वन विभाग के मुताबिक गिद्धों की कौन सी प्रजाति खतरे में है, इसका सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए मैपिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि इनकी सही संख्या और दिनचर्या का पता लगाया जा सके। दूसरी ओर गिद्ध को लेकर लोग तमाम तरह की बातें करते रहे। एक रुहेलखंडी कहावत है, बावरे गांव में ऊंट आय गओ..! गिद्ध देखने को उत्सुक लोग सोशल डिस्टेंसिंग या लाॅकडाउन की परवाह किये बिना मौके पर जमा हो गये।


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